ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हर साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए उपवास रखकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना करती हैं। हालांकि इस बार लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल बंद चल रहे हैं। ऐसे में सुहागिन महिलाएं पूजा को लेकर काफी चिंतित हैं।
लॉकडाउन के चलते सुहागिनें काफी सोंच में है। इस बार वह कैसे अपने- अपने पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए माता सावित्री से दुआ मांग पाएंगी, और कैसे वट वृक्ष की पूजा करेंगी। इस बार बरगदाही अमावस्या का पर्व 22 मई को मनाया जा रहा है। पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। ऐसे में देश में लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। सभी धर्म स्थल बंद चल रहे हैं। पूजा-पाठ घर पर ही रहकर करना है, जबकि सुहागिन महिलाएं इस त्यौहार पर वटवृक्ष पर जाकर पूजा अर्चना कर माता सावित्री से अपनी पति की सलामती की दुआ मांगती हैं, लेकिन इस बार वह वटवृक्ष तक कैसे पहुंचेंगी और साल के इस महत्वपूर्ण पर्व को कैसे मनाएंगी। इस बात को लेकर सुहागिनें पशोपेश में पड़ी हैं।
22 May Panchang,
स्नान-दान की अमावस्या। वट सावित्री व्रत। राष्ट्रीय ज्येष्ठ मास आरम्भ। शनिश्चर जयंती। सूर्य उत्तरायण। सूर्य उत्तर गोल। ग्रीष्म ऋतु। प्रात: 10.30 बजे से मध्याह्न 12 बजे तक राहुकालम्।
22 मई, शुक्रवार,
1 ज्येष्ठ (सौर) शक 1942, 08 ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 2077, 28 रमजान सन् हिजरी 1441, ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या रात्रि 11 बज कर 9 मिनट तक उपरांत प्रतिपदा, कृत्तिका नक्षत्र रात्रि 3 बज कर 9 मिनट तक तदनंतर रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग प्रात: 6 बज कर 26 मिनट तक पश्चात अतिगण्ड योग, चतुष्पद करण, चंद्रमा प्रात: 7 बज कर 37 मिनट तक मेष राशि में उपरांत वृष राशि में।