रविवार को होनेवाला सूर्य ग्रहण इस बार बेहद खास है। इस बार ग्रहण का केंद्र धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में होगा। ऐसा संयोग में करीब पांच हजार वर्ष बाद बन रहा है। कुरुक्षेत्र ही नहीं काशी व हरिद्वार के विद्वानों ने इसे विलक्षण सूर्य ग्रहण बताया है। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने द्वारका से आकर ब्रह्म सरोवर में स्नान किया था। सूर्य ग्रहण पर कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते स्नान और मेले पर प्रतिबंध किया गया है। इन सबके बीच परंपराओं को निभाने के लिए पूजा व अनुष्ठान ब्रह्म सरोवर पर होगा।
ब्रह्म सरोवर के वीआइपी घाट पर दो जगह अनुष्ठान होगा। दोनों जगह 80 लोग बैठेंगे। इस दौरान कोविड-19 के मद्देनजर जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से दिन के 1:50 बजे तक चलेगा। इस बार शाम को महाआरती नहीं होगी। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब सूर्य ग्रहण पर महाआरती नहीं होगी। ब्रह्म सरोवर पर 7-8 तीर्थ पुरोहित अपने सदरियों में बैठकर पूजा पाठ करेंगे। सन्निहित सरोवर पर भी तीर्थ पुरोहित पाठ करेंगे। इनके लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने पास जारी किए हैं।