हिन्दी चीनी भाई भाई सुन सुन कर एक अरसा बीत गया । ओर उसका आज क्या नातीजा निकाल रहा है इस बात से आप भलीभाति परिचित होंगे। देखा जाए तो “भाई” की ये परिभाशा बदलने मे जादा देर नहीं लगती है। क्योंकि इस कलयुग में जब अपना ही भरोसे के लायक नहीं होता तो तो भाई की ये परिभाशा मुझे विचलित करती है। हाल ही में चीन से मुठभेड़ के दौरान हमने जो अपने 20 अनमोल रत्न खोये हैं उसका दुख हर भारतीय के अंदर कहीं न कहीं होगा ओर उसी के चलते विश्व के दो बड़े देशों में जो इतनी तनातनी बढ़ी है उस से सारे देश हैरान हैं।
इसी तनावपूर्ण स्तिथि के चलते हमारे रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए, जिसके दौरान वह शीर्ष रूसी सैन्य ब्रास के साथ वार्ता करेंगे और द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मॉस्को में एक भव्य सैन्य परेड में भाग लेंगे। । चार महीनों में किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की विदेश यात्रा यह पहली यात्रा है क्योंकि कोरोनोवायरस महामारी को देखते हुए विदेश यात्रा प्रतिबंधित थी। केंद्रीय मंत्रीमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य द्वारा विदेश यात्रा की अंतिम यात्रा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी -20 के वित्त मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए 22-24 फरवरी को रियाद की यात्रा की। सुश्री सीतारमण की यात्रा से कुछ दिन पहले, विदेश मंत्री एस। जयशंकर 18 से 19 फरवरी तक जर्मनी गए थे। अधिकारियों ने कहा कि भारत के रूस के साथ दशकों पुराने सैन्य संबंधों के कारण, श्री सिंह चीन के साथ सीमा रेखा के बावजूद इस यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ रूस के शीर्ष सैन्य अफसरों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित करने की संभावना है। परेड में भाग लेने के लिए 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य टुकड़ी पहले ही मास्को पहुंच चुकी है। भारतीय टीम चीन सहित कम से कम 11 देशों के सशस्त्र बल के जवानों के साथ परेड में भाग लेगी।
रूस मे चीन के साथ अन्य देश भी आने वाले हैं, परंतु ये देख कर खुशी होती है कि इतने बड़े आयोजन में भारत का भी नाम शामिल है। चीन से टकराव के बाद मेरे मन में अपने देश का एक चित्र उभर कर आता है जिसके ताज पर राहू – केतु नाच रहे हैं… और वे दोनों कौन है आप यह बात अच्छे से जानते हैं । एक तो है ही कुत्ते की पूंछ और दूसरा पता नहीं कुत्ते के साथ और क्या – क्या हजम कर जाता है। लेकिन मन एक दम से टहर सा जाता है जब ये सोचता हूँ की जिस तरह हमारी सेना चीन के समक्ष सीना ताने खड़ी है कहीं उसका फायदा उठा कर अगर हमारा ये दूसरा पड़ोसी आक्रमण करदे तो ? लेकिन आखिर हम भारतीय हैं एक साथ कई चीजों को संभालने की आदत है।
रक्षा मंत्री रूस के दौरे पर हैं ओर जरूर देश के सशक्त होने के बारे में चर्चा करेंगे । वो कहते हैं ना एक सच्चा दोस्त हमेशा हमारी मदद करता है। तो वही समझ लीजीए ……. और भारत और रूस की दोस्ती की मिसाल तो पूरी दुनियाँ जानती है।