माफ कीजिएगा यह कोई गाली नहीं है, एक सीधे-साधे देश का नाम है जिससे आप भली-भांति परिचित हैं । आज मैं अपनी कहानी खुद बताऊंगा क्योंकि मेरे हालात ही ऐसे हो गए हैं कि जब से मैं निर्मित किया गया हूँ कुछ मंगल हुआ ही नहीं । जहां मेरा पड़ोसी, मंगल यात्रा करके आ गया और अब अंतरिक्ष में जाने की सोच रहा है वहीं मुझे अपने गरीब होने का बहुत अफसोस होता है। पर मैं भी कुछ कम नहीं हूँ जब-जब ये किसी बड़ी उपलब्धि को हासिल करता है, तब-तब मेरे अंदर का कीड़ा मुझे उकसाता है “कि मियां समय आ गया है दुनिया को बताने का कि बाप तो बाप होता है” । और इसलिए मुझसे कुछ जाने-अनजाने में बड़े-बड़े कांड हो जाते हैं । अब जो भी होता है वह जाने हैं या अनजाने में यह तो आप मेरे बारे में सबसे ऊपर लिखे वाक्य को पढ़कर ही समझ गए होंगे क्योंकि…..? क्योंकि समझदार को इशारा काफी होता है । और रही बात बाप बेटी की तो वह बात मैं यहां नहीं कर सकता क्योंकि गलती से अगर मेरे पड़ोसियों ने सुन लिया तो मैं उनके मुंह से निकली अग्नि में ही भस्म हो जाऊंगा । तभी तो किसी महान व्यक्ति ने कहा था कि हिंदुस्तान के सारे बच्चे भी साथ मिलकर धार मारे तो मैं समुद्र में जलमग्न हो जाऊंगा ।
वैसे ऐसी बातें मेरे लिए सुनना कोइ बड़ी बात नहीं है…गाली खाने का जो शौक है । खैर यह सब छोड़िए बात करते हैं मेरी उपलब्धियों की । मैंने 1947 का युद्ध हारा है , मैंने 1965 का युद्ध हारा है , मैंने 1971 का युद्ध हारा है, मैंने यहां तक 1999 का युद्ध भी हारा है लेकिन मेरे अंदर की वह be positive वाली बात अभी बरकरार थी । इसलिए मैंने अपने भीतर के विषाणुओं(virus) को अपने अंदर पनपने दिया जिसे आम बोलचाल की भाषा में आतंकवादी कहते हैं । परंतु मेरे लिए ये विषाणु किसी WBC (white blood cells) से कम नहीं, जो हमेशा मेरी रक्षा करते हैं …क्योंकि यही तो वह वीर पराक्रमी है जिन्होंने मुझे अनेक उपलब्धियां हासिल करवाई है । मुंबई का हादसा मेरी देन है , दिल्ली का हादसा मेरी देन है , यहां तक कि कश्मीर मांगने की हिम्मत भी मैंने ही किया है । नहीं कश्मीर नहीं….क्योंकि कश्मीर की बात सुनते ही मेरा मन दु:शासन- बन अंदर ही अंदर घबरा जाता है ।क्योंकि ये भारत वाले कहते हैं –
“दूध मांगोगे तो खीर देंगे और कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे”
अरे भाई कैरी भैया कम थे जो पूरे भारतीय मुझे रोस्ट करते रहते हैं । मेरी भी कोई औकात है या नहीं ? लेकिन मेरी औकात है, यह तब समझ आता है जब मुझे मेरा बाप आयना दिखाता है – तब मेरे ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक होती है , एयर स्ट्राइक होती है , और तब जाकर मैं स्वयं को पहचान पाता हूँ। लेकिन डरता भी हूँ , भीतर से आवाज आती है- “अरे भाई भाड़ में जाए ये कश्मीर यहां तो इंडियन आर्मी के चलने से धक-धक होने लगता है ।” लेकिन मैं भी तो हूं कुत्ते की पूंछ… कितना भी सीधा कर लो लेकिन कभी सीधा नहीं हो सकता। अब देखिए ना कोरोना की वजह से मेरे हाल कितने खराब हैं। इस महामारी का नाम सुनते ही हजारों एकड़ जमीन में कब्र खुदवा दी गई हैं ,और यह सारी कब्र सिर्फ बीमारी से मरने वालों के लिए नहीं है । बल्कि यह तो वह अंजाम के लिए भी है जब मैं बार-बार सीज़फायर का उल्लंघन करता हूँ और मेरा बाप हर बार की तरह मेरा बैंड बजा देता है । अक्सर पिता अपने बच्चों को गलती करने पर प्यार से माफ कर देता है जोकि मेरा भी करता है । परंतु….परंतु मैं उन बेटों में से हूँ जो इस बात को शत-प्रतिशत सही साबित करता है कि “लातों के भूत बातों से नहीं मानते” ।
मैं वही ज़िद्दी मुर्गा हूँ जिसे कितना भी खालो, अंत में फिर से बाहर निकल आ जाऊंगा । अब मैं करूं भी तो क्या करूं…. मेरे लिए हमेशा ऐसे ही विशेषण इस्तेमाल किए जाते हैं – कुत्ते की पूंछ ज़िद्दी मुर्गा और बहुत कुछ….। और मेरे लिए बड़े गर्व की बात है तो ये है कि मेरे नाम को प्रयोग भुवन ने भी अपनी वीडियो में किया है । वैसे मेरी बात ही अलग है….कितने भी जूते मारो पर जूते खाने की प्यास कभी कम नहीं होगी । मुझ जैसा देश किसी को चैन से कैसे रहने दे सकता है ।वैसे वह ‘किसी’ में मेरे अपने भी देशवासी आते हैं ।
कुत्ते की पूंछ वाली बात तो मैं खुद इतना बड़ा सबूत हूँ । आप नक्शे को ध्यान से देखिएगा तो मैं आपको राजस्थान, गुजरात, पंजाब, और जम्मू-कश्मीर की सीमाओं-से लगा हुआ दिख जाऊंगा । और आप समझ जाएंगे कि मेरा नाम करन ऐसा क्यों हुआ ? वैसे मुझे नहीं लगता कि मेरी कहानी आपको इतना बोर कर रही होगी । लेकिन फिर भी कुछ बातें बचा कर रखना चाहिए । फिक्र करने की बात नहीं है मैं यहीं रहूंगा आप के बगल में और हमेशा याद दिलाते रहूंगा दुश्मनी, मक्कारी, कायरता, गद्दार ,बेईमान, और विश्वासघाती की मिसाल पेश करने में मुझसे बेहतर कोई नहीं हो सकता । आखिर में जय हिंद …..अब जीने के लिए तो यही कहना पड़ेगा… लेकिन फिर भी आप की तसल्ली के लिए कुछ पंक्तियों के साथ अपनी कथा समाप्त करता हूँ, आपके क्रोध का कृपापात्र आपका पाकिस्तान…
आंखें ना दिखाओ पाक, कर देंगे खाक-राख
साख भी तुम्हारी माटी मोल सी हो जाएगी।
छत्तों में बरइयाओं के,डालते हो हाथ क्यों
सूरत तुम्हारी भी लंगूर-सी हो जाएगी।
अब के हुआ जो वार , बार-बार का करार
कसम तुम्हारी आर-पार की हो जाएगी।
और देखेगा ना तुम को ,थूकेगा न और कोई
हालत तुम्हारी भी फकीर सी हो जाएगी ।।