भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के 15वें शिखर सम्मेलन को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस सम्मेलन के बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस सम्मेलन से जो महत्वपूर्ण परिणाम निकला है वह यह है कि मंत्रियों के स्तर पर उच्च स्तरीय वार्ता स्थापित करने का फैसला है। यह फैसला व्यापार और निवेश समझौते के संदर्भ में व्यापार संबंधों के साथ-साथ व्यापार और निवेश समझौतों के विकास का मार्गदर्शन करने के लिए है।
विदेश मंत्रालय के सचिव विकास स्वरूप (पश्चिमी) ने कहा कि 15वां भारत-ईयू शिखर सम्मेलन पूरा हो गया है। यूरोपीय संघ के साथ हमारे संबंध बहुत सक्रिय हैं। हमारे संबंध एक तरह से सभी आयामों को समाहित करते हैं। वस्तुओं को लेकर 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा व्यापार के साथ यूरोपीय यूनियन हमारा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। हमारे बीच लगभग 40 बिलियन डॉलर का सेवा व्यापार भी है।
स्वरूप ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है, जिसका कुल संचयी निवेश 91 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित किया गया था। इसमें दोनों पक्षों के नेताओं के बीच आपसी सम्मान और प्रशंसा दर्शित हुई, जो उनके पिछले संबंधों की एक बानगी थी। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते यह सम्मेलन डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया।