बिहार के अररिया में वीजा उल्लंघन एवं लॉक डाउन तोड़ने के मामले में जेल में बंद 18 मलेशियाई एवं बांग्लादेशी नागरिकों को रिहा किया जाएगा। जिला जज अररिया ने इन 18 तबलीगी जमातियों को जमानत पर छोड़ने की स्वीकृति प्रदान की है। फिलहाल लॉक डाउन को लेकर सभी 18 तबलीगी जमाती पीआर बॉण्ड मिलने पर छोड़े जाएंगे।
बताया जाता है कि अररिया थाना कांड संख्या 297/20 के तहत नौ मलेशियाई नागरिक एवं नरपतगंज थाना कांड संख्या 158/20 में भी नौ बांग्लादेशी नागरिक अररिया जेल में बंद हैं। इन सभी की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयुष कमल दीक्षित की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। इसमें विदेशी विषयक अधिनियम की धारा-14 और 14सी के अपराध में जमानत की सुनवाई शनिवार को संपन्न हुई। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई के बाद रेकॉर्ड का अवलोकन करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयुष कमल दीक्षित ने सभी 18 तबलीगी जमातियों को 50-50 हजार के दो जमानतदार के तहत जमानत मंजूर कर लिया है। जिला जज ने अपने आदेश में लिखा है कि लाकॅडाउन को लेकर सभी 18 तबलीगी जमाती फिलहाल पीआर बॉण्ड पर मुक्त होंगे।
न्यायालय में 18 तबलीगी जमातियों की ओर से उनके अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह एवं जेड ए मुजाहिद ने अपना पक्ष अपने-अपने मामलों में रखा।
वही, सरकार की ओर से प्रभारी पीपी लक्ष्मी नारायण यादव ने जमानत का पूर्ण विरोध किया। अभिलेख में काराधीन विदेशी नागरिकों द्वारा वीजा शर्तों के उल्लंधन का कोई ठोस प्रमाण-पत्र उपलब्ध नही रहने के कारण दाखिल दोनों जमानत आवेदन पत्र पर मंजूरी दी गई।
यहां बताते चलें कि सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि अब, दोनो प्राथमिकी रदद करने के लिए सक्षम न्यायालय में अलग-अलग याचिका दाखिल की जायेगी।
सोमवार को सीजेएम आनंद कुमार सिंह की ओर से जेल प्रशासन को 18 जमातियों की ओर से पीआर बॉण्ड भेजने का आदेश दिया जायेगा। तदउपरान्त पीआर बॉण्ड प्राप्त होने पर ही न्यायालय द्वारा सभी जमातियों को जेल से मुक्त करने का आदेश दिया जायेगा। जिसकी संभावना मंगलवार तक बनने की है।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार तबलीगी जमातियों के कुल 10 सदस्यों की टीम 21 मार्च को सीमांचल एक्सप्रेस से अररिया पहुंची थी। जिसमें एक व्यक्ति की मौत के पश्चात नौ व्यक्ति बच गये, उसी प्रकार, नरपतगंज पुलिस ने भी नौ विदेशी नागरिकों को वीजा और लॉकडाउन उल्लंधन मामले में गिरफ्तार किया था।