चीन के संरक्षण में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली लगातार भारत विरोधी फैसले ले रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच ओली को बचाने के लिए चीनी राजदूत हाओ यानकी ने अभियान छेड़ दिया है। इससे नेपाल के अंदर विवाद बढ़ गया है। चीनी राजदूत के इस कदम को नेपाल की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप माना जा रहा है। कई पूर्व राजनयिकों और राजनेताओं ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।
इसी बीच चीनी राजदूत ने मंगलवार सुबह नेपाल के वरिष्ठ कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेता झालानाथ खनल के साथ दल्लू में अपने आवास पर बैठक की। नेपाली अखबार काठमांडू पोस्ट के अनुसार पिछले एक हफ्ते में हाओ ने राष्ट्रपति बिद्या भंडारी, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल से मुलाकात की है। ये मुलाकात ऐसे समय पर की जा रही हैं जब प्रधानमंत्री ओली पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुष्प कमल दहल प्रचंड, झालानाथ खनल सहित एनसीपी के 44 में से 30 सदस्यों ने 30 जून को ओली को प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था।