कोरोना वायरस महामारी के भारत में व्यापक फैलाव के बीच दिल्ली में निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में रांची के 46 स्कॉलर शामिल हुए थे। मंगलवार को कोराना से संक्रमित मुस्लिम स्कॉलरों के पकड़े जाने के बाद दिल्ली में जो खुलासा हुआ है, उसके मुताबिक इस जमात में शामिल देश के 1830 स्कॉलरों में 46 ने अपना पता रांची ही लिखवाया है। इनमें से मलेशिया की महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है। पुलिस ने बीते दिन इस महिला मौलवी को राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में बड़ी मस्जिद से पकड़ा था। इधर तब्लीगी जमात से जुड़ी महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। झारखंड के उन लोगों की सूची विशेष शाखा ने जारी की है, जो तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए दिल्ली गये थे। सभी उपायुक्तों को आदेश दिया गया है कि इनकी गहन स्वास्थ्य जांच कराएं और इन पर आवश्यक कार्रवाई करें।

एक दिन पहले रांची के हिंदपीढ़ी स्थित एक मस्जिद से 24 लोगों को प्रशासन ने निकाला था. सभी का कोरोना टेस्ट कराया गया था. इससे पहले बुंडू के एक मस्जिद से भी पुलिस ने 11 विदेशिय़ों को निकाला था.
इस बीच यह जानकारी मिली है कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में आयोजित जमात में देश के 20 राज्यों से 1830 लोग शामिल हुए थे. इनमें से 46 लोग रांची के रहने वाले थे. बताया जाता है कि 46 में से 45 व्यक्ति रांची लौट आये थे. हालांकि अभी तक प्रशासन ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है. रांची के एसएसपी अनिस गुप्ता ने बताया है कि जमात में शामिल एक व्यक्ति, जो ओरमांझी का रहने वाला है, वह अभी दिल्ली में ही है. वह दिल्ली पुलिस के संपर्क में हैं और बाकी लोगों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं.
मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज हाउस को खाली कराने के बाद बुधवार को उसे सैनिटाइज किया गया. अभी हाल ही में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़े जलसे का आयोजन किया गया था, जिसमें करीब 2100 विदेशी लोगों के शामिल होने की आशंका है. इस कार्यक्रम में शामिल होने आये लोगों में से कई लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गये हैं. इनमें से तेलंगानना के छह कोरोना संक्रमित लोगों की मौत भी हो चुकी है.